रांची
ईडी की छापेमारी में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर के पीएस संजय लाल के नौकर से घर से नोटों की जब्ती के बाद उन्होंने बयान दिया है। मंत्री ने कहा है कि संजय लाल मेरा पीएस बनने से पहले दो औऱ मंत्रियों के पीएस रह चुके हैं। वो सरकारी मुलाजिम हैं। आलमगीर ने आगे कहा, हम अनुभव के आधार पर पीएस का चयन करते हैं। इसकी पूरी प्रक्रिया है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर उनको पीएस बनाया गया था।
नोटों को ले जाने के लिए 6 बक्से औऱ मंगाये गये
ईडी की कार्रवाई में उनका आने के सवाल पर कहा कि आपलोग जो खबरों में देख रहे हैं, वही मैं भी देख रहा हूं। कहां कि जब तक ईडी अपनी जांच पूरी नहीं कर लेता है औऱ जब तक जांच एजेंसी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाती है, तब तक इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। कहा कि ईडी की रिपोर्ट आने के बाद वे इस विषय पर कुछ बोल पायेंगे। इधर, मंत्री आलमगीर आलम के PS के नौकर के घर से नोटों को नोट ले जाने के लिए और 6 बड़ा बक्सा मंगाया गया है। अबतक कुल 12 बक्से मंगाये गये हैं।
10 हजार के रिश्वत से शुरू हुई जांच
झारखंड में मंत्री आलमगीर आलम के PS के नौकर के घर से नोटों का अंबार मिला है। चुनावी गहमा-गहमी के बीच ED के छापे में 30 से 40 करोड़ कैश मिलने का अनुमान है। खबर लिखने तक नोटों की गिनती जारी है। दरअसल ये पूरी कहानी महज 10 हजार रुपए की रिश्वत से जुड़ी हुई है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस मामले में पिछले साल ईडी ने झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के यहां दबिश दी थी। तब वीरेंद्र ने पूछताछ में बताया था कि रिश्वत की राशि ऊपर तक जाती है।
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